मेरा आठवाँ प्रकाशन / MY Seventh PUBLICATIONS

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शनिवार, 23 फ़रवरी 2013

उम्मीद



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उम्मीद
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मन गा रहा है,
चमन गा रहा है,
तुमसे मिलेंगें,
ये  चेहरे खिलेंगे,

फिर चार दिन की मुलाकात होगी,
बीते दिनों की कुछ बात होगी,

कई साल से हम,
बिछड़े हुए हैं,
यादों के पन्नों में,
पिछड़े हुए हैं,

इस याद को हम दुबारा लिखेंगे,
सहारा तुम्हारा दुबारा लिखेंगे,
मस्ती पुरानी नजर आ रही है,
पड़ोसन जो हँसती गजल गा रही है,
वादी पहाड़ों की शर्मा रही है,
जवानी हवा में जो गरमा रही है,

जीवन के बीते हुए पन्ने पलटे,
पुरानी फिल्म जैसे टी वी पे झलके,

बातों से मन को भी हल्का करेंगे,
नए यादों से कुछ पन्ने भरेंगे,
न जाने कहाँ हम कब फिर मिलेंगे,
यादों को तब तक सँजोए फिरेंगे,

आँखों से ओझलको मन से भी ओझल,
कर लोगे तुम पर, न हम कर सकेंगे.


एम.आर.अयंगर. 08462021340

4 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल रविवार (24-02-2013) के चर्चा मंच-1165 पर भी होगी. सूचनार्थ

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत उम्दा ..भाव पूर्ण रचना .. बहुत खूब अच्छी रचना इस के लिए आपको बहुत - बहुत बधाई
    मेरी नई रचना
    खुशबू
    प्रेमविरह

    जवाब देंहटाएं
  3. शर्मा जी,

    सूचना के लिए धन्यवाद.चर्चा मंच में शामिल करने के लिए धन्यवाद.


    श्री पारीक जी,
    प्रशंसा के लिए आभार.
    आपकी रचनाएं देखूंगा.
    अयंगर

    जवाब देंहटाएं

Thanks for your comment. I will soon read and respond. Kindly bear with me.