मेरा आठवाँ प्रकाशन / MY Seventh PUBLICATIONS

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सोमवार, 1 अप्रैल 2013

लिखना है....


लिखना है...

शब्दों को एकत्र कर, बाँध दिया एक साथ,
 जिसने बचने का किया ,थोड़ा सा भी प्रयास,
समझाया उनसे कहा, मत कर यह बदमाश,
फिर भी जो तनते रहे, जबरन उनके साथ.

संग सभी को बाँधकर, कहा शब्द विन्यास,
कविता फिर भी बन गई, भले न कोई खास.
डाल दिया है ब्लॉग पर, सबके पढ़ने को,
जिसको जैसी भी लगे, टिप्पणी करने को.

सभी दोस्तों ने कहा- कितनी अच्छी है,
मेरा मन था कह रहा- अब तक कच्ची है.

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कुछ भी लिखने के लिए,
नहीं न लिखना है,
भावनाओं से सराबोर,
मन को उद्वेलित करने वाली,
चंचल अभिव्यक्तियों को,
समावेश कर, 
रचना लिखना है.

जिसमें-
एक दिशा हो, एक प्रवाह हो,
एक समस्या या एक समाधान हो,
एक संदेश हो,और संभवतः
शब्द विन्यास हो...
कुछ ऐसा लिखना है.
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एम.आर.अयंगर.

10 टिप्‍पणियां:

  1. sam -samanwybad ki lekan sahili auy vinyas ki kuch -kuch darshnik abhuvykati,( sir ji, hindi me likhne ke liye hindi vizet jodane ki mahti kripa kare,)sadar

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. बहुत बहुत धन्यवाद श्रीमान.
      आपको मेरा मेल संदेश आपकी पोस्ट पर मिला होगा.
      कृपया आवश्यकता जाहिर करें.

      अयंगर.

      हटाएं
  2. बेहतरीन भावपूर्ण प्रस्तुति,सादर.

    comment ka word verification blog ke liye shi nhin hai....

    जवाब देंहटाएं
  3. आपकी अंतर भावना कविता में झलक रही है। अयंगर जी लिखते रहो। अपनी अभिव्यक्ति करो, पाठक जरूर पसंद करेंगे।

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. आपका प्रोत्साहन भरा संदेश - मन बल्लियों उछल रहा है.

      आभार श्रीमान.
      आशा है आपने ब्लॉग देखा होगा.

      धन्यवाद.

      अयंगर.

      हटाएं
  4. एक दिशा हो, एक प्रवाह हो,
    एक समस्या या एक समाधान हो,very nice....

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. महोदया.

      आप जैसो के प्रोत्साहन से ऊर्जा मिलती है..

      आभार

      अयंगर.

      हटाएं
  5. कुछ भी लिखने के लिए,
    नहीं न लिखना है,

    सच....
    बहुत बढ़िया..
    सादर
    अनु

    जवाब देंहटाएं

Thanks for your comment. I will soon read and respond. Kindly bear with me.