मेरा आठवाँ प्रकाशन / MY Seventh PUBLICATIONS

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शुक्रवार, 7 अगस्त 2015

पत्रकारिता और भाषा

पत्रकारिता और भाषा  http://www.hindikunj.com/2015/08/journalism-and-languages.html

 रंगराज अयंगर 8/07/2015 पत्रकारिता और भाषा पत्रकारिता समाज का एक ऐसा विभाग है जिसमें दैनंदिन पिछले 24 घंटो के विभिन्न घटनाओं का उल्लेख होता है. पत्रकारिता मौखिक लैखिक व द्रैश्यिक तीनों तरह की होती हैं. रेड़ियो पर केवल खबरों की मौखिक जानकारी मिलती है और अखबारों में कुछ चित्रों में और कुछ लिखित जानकारी होती है. टी वी में में चलचित्रों सहित विस्तृत द्रैश्यिक जानकारी होती है. पर सँजोने के लिए अखबार सबसे आसान तरीका है. घटनाओं का विवरण देने के लिए भाषा की जरूरत होती है. विवरण देने वाले को भाषा पर पकड़ होना जरूरी है ताकि वह घटना को आसानी से, कम से कम शब्दों में सँजो सके. भाषा सौम्य और सभ्य होनी चाहिए और समाज के बहुत बड़े तबके को समझ में आनी चाहिए. इसमें शालीनता भी अत्यंत आवश्यक अंग है. पढ़े लिखे लोग तो थोड़ी बहुत इधर उधर भी समझ ही जाते हैं किंतु कम - पढ़ों (अनपढ़ नहीं) को कुछ स्थानीय भाषा का पुट भी चाहिए. कुछ प्रमुख विषयों पर संपादक अपनी राय संपादकीय में देते हैं और कुछ विशिष्ट व्यक्तियों के लेख व आलेख खास विषयों पर दिए जाते हैं ताकि समाज को उस विषय के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा सके. कुल मिला कर पत्रकारिता के